नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा हाल ही में दिया गया बयान जिसमें उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने India-Pakistan War के दौरान दोनों देशों के बीच “पूर्ण और तत्काल युद्धविराम” की मध्यस्थता की, और इसके बदले Trade Talks को साधने की कोशिश की — भारत ने इस बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया है। भारत सरकार ने इसे तथ्यों से परे बताया और स्पष्ट किया कि Trump War Ceasefire Claim पूरी तरह निराधार है।
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Toggleक्या था Trump का दावा?
डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जब हाल ही में सैन्य तनाव बढ़ा, तब उनके प्रशासन ने मध्यस्थता की और दोनों देशों को चेताया कि अगर वे युद्ध नहीं रोकते तो अमेरिका के साथ Trade Talks नहीं होंगी। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस मध्यस्थता के तहत अमेरिका ने संघर्षविराम करवाया और उसके बदले व्यापारिक सहयोग की पेशकश की।
भारत का जवाब: युद्धविराम सेना की ताकत से हुआ, ना कि किसी मध्यस्थता से
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पूरे Trump War Ceasefire Claim को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय नेतृत्व और अमेरिकी नेतृत्व के बीच जरूर संपर्क था, लेकिन Trade Talks पर कभी कोई चर्चा नहीं हुई। मंत्रालय के अनुसार, India-Pakistan War के तनाव के बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर असरदार हमला किया था, जिसके कारण पाकिस्तान को युद्धविराम की ओर मजबूर होना पड़ा।
मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा, “7 मई को Operation Sindoor की शुरुआत से लेकर 10 मई को युद्धविराम तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच लगातार संवाद चलता रहा। लेकिन किसी भी चर्चा में Trade Talks का मुद्दा नहीं उठा। यह स्पष्ट है कि Trump War Ceasefire Claim गलत है।”
सैन्य कार्रवाई का असर
भारत ने बताया कि 10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई प्रमुख ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा। विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह युद्धविराम अमेरिका की मध्यस्थता से नहीं बल्कि हमारी सैन्य ताकत की वजह से हुआ। यही असली कारण था कि पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति दी।”
यह बयान ट्रंप के इस दावे के ठीक बाद आया जिसमें उन्होंने खुद को India-Pakistan War में संभावित परमाणु संघर्ष रोकने वाला नेता बताया था।
डीजीएमओ स्तर पर बातचीत
मंत्रालय ने जानकारी दी कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई को दोपहर 3:35 बजे टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसमें युद्धविराम के समय और शब्दावली को अंतिम रूप दिया गया। पाकिस्तानी पक्ष ने उसी दिन दोपहर 12:37 बजे इस कॉल का अनुरोध किया था।
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी की भूमिका
ट्रंप के Trump War Ceasefire Claim पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से जरूर बातचीत होती है, लेकिन नीति और दिशा भारत खुद तय करता है। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि जो संदेश भारत ने सार्वजनिक रूप से दिया, वही संदेश निजी तौर पर भी सभी देशों को दिया गया।
भारत ने स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी करता है तो भारत जवाब देगा, लेकिन अगर पाकिस्तान रुकता है तो भारत भी रुक जाएगा। यही संदेश Operation Sindoor के समय पाकिस्तान को दिया गया था।
भारत की कूटनीतिक नीति स्पष्ट
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, और इस उद्देश्य के तहत ही पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को निशाना बनाया गया। मंत्रालय ने कहा, “हमने अंतरराष्ट्रीय नेताओं को भी यही स्पष्ट संदेश दिया कि यह संघर्ष आतंकवाद के खिलाफ है, ना कि किसी मध्यस्थता के जरिए सुलझाने का मामला।”
निष्कर्ष
भारत ने ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज कर यह साफ कर दिया है कि India-Pakistan War के हालिया दौर में किसी भी स्तर पर Trade Talks की बात नहीं हुई थी। Trump War Ceasefire Claim को भारत ने एकतरफा और असत्य करार दिया है। भारत का कहना है कि युद्धविराम भारतीय सैन्य कार्रवाई के कारण हुआ था, ना कि अमेरिका या किसी अन्य देश की मध्यस्थता से।
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