पाकिस्तान में हाल के दिनों में बार-बार आने वाले भूकंपों ने चिंता बढ़ा दी है। Pakistan earthquake today का ट्रेंड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां लोग इन झटकों को सिर्फ प्राकृतिक घटना नहीं मान रहे, बल्कि इसके पीछे कुछ बड़ा छिपा होने की आशंका जता रहे हैं। खासकर तब, जब इन झटकों का केंद्र बार-बार एक ही क्षेत्र – बलूचिस्तान – में पाया गया है।
Pakistan Earthquake Today: फिर आया झटका
सोमवार, 13 मई 2025 को पाकिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 4.6 रही और यह दोपहर 1:26 बजे (IST) बलूचिस्तान क्षेत्र में दर्ज किया गया। यह पिछले 13 दिनों में पाकिस्तान में आया पांचवां भूकंप था।
NCS की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप की गहराई 10 किमी रही और फिलहाल किसी बड़े जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। लेकिन लगातार पांच भूकंपों ने आम लोगों के साथ-साथ भूगर्भ वैज्ञानिकों और रणनीतिक विश्लेषकों की भी चिंता बढ़ा दी है।
13 दिनों में 5 बार हिली पाकिस्तान की ज़मीन
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30 अप्रैल: रात 9:58 बजे, 4.4 तीव्रता, 50 किमी गहराई
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5 मई: 4.2 तीव्रता, चित्राल, खैबर पख्तूनख्वा
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10 मई: 1:44 बजे, 4.0 तीव्रता, अफगान सीमा के पास
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10 मई: सुबह में दूसरा झटका, 5.7 तीव्रता
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12 मई: 4.6 तीव्रता, बलूचिस्तान क्षेत्र
इन लगातार झटकों को लेकर सोशल मीडिया पर “Pakistan earthquakes” हैशटैग के साथ चर्चाएं तेज हैं। लोग आशंका जता रहे हैं कि कहीं यह सब गुप्त परमाणु परीक्षण का नतीजा तो नहीं?
क्या ये भूकंप हैं या न्यूक्लियर टेस्टिंग के झटके?
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने दावा किया है कि यह प्राकृतिक भूकंप नहीं बल्कि परमाणु परीक्षण से उत्पन्न झटके हो सकते हैं। खासकर बलूचिस्तान में, जहां 1998 में पाकिस्तान ने न्यूक्लियर टेस्ट किया था, वहीं अब बार-बार झटके आ रहे हैं।
एक यूजर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “एक ही क्षेत्र में बार-बार भूकंप… क्या पाकिस्तान फिर से न्यूक्लियर टेस्टिंग कर रहा है?”
हालांकि भारत और अमेरिका की ओर से अब तक ऐसी किसी गतिविधि की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने इस चर्चा को और हवा दी है। ट्रंप ने दावा किया था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता, तो लाखों लोग मारे जा सकते थे। इस तरह के बयान अप्रत्यक्ष रूप से परमाणु हथियारों की ओर इशारा करते हैं।
भूगर्भीय स्थिति: पाकिस्तान क्यों है ज़्यादा संवेदनशील?
भले ही परमाणु परीक्षण की अटकलें लगाई जा रही हों, लेकिन यह भी सच है कि पाकिस्तान भूगर्भीय रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। यह देश यूरोशियन और इंडियन टेक्टोनिक प्लेट्स के जंक्शन पर स्थित है। यही कारण है कि यहां अक्सर Pakistan earthquakes की खबरें आती रहती हैं।
बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान और POK जैसे इलाके विशेष रूप से भूकंप की दृष्टि से खतरे में हैं। अफगानिस्तान से सटे इलाकों में भी अकसर बड़े झटके महसूस किए जाते हैं।
इतिहास गवाह है: Pakistan Earthquake
पाकिस्तान में अब तक कई विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं:
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2005 का कश्मीर भूकंप: 7.6 तीव्रता का यह भूकंप इस्लामाबाद से लेकर मुजफ्फराबाद तक तबाही लेकर आया था और लगभग 80,000 लोगों की जान चली गई थी।
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2013 बलूचिस्तान भूकंप: इस भूकंप की तीव्रता 7.7 थी और सैकड़ों लोग मारे गए थे।
इस पृष्ठभूमि में देखा जाए तो लगातार आ रहे Pakistan earthquakes चिंता का विषय जरूर हैं, लेकिन ये पूरी तरह से प्राकृतिक भी हो सकते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिय* और अलर्ट
पाकिस्तान सरकार ने इन भूकंपों को लेकर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है। न ही अभी तक कोई आपातकालीन चेतावनी जारी की गई है। लेकिन स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और रेस्क्यू टीमों को सतर्क कर दिया गया है।
वहीं, भारत की ओर से भी भूगर्भीय निगरानी एजेंसियां इन हलचलों पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। किसी भी अप्राकृतिक गतिविधि की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी दी जाएगी।
निष्कर्ष: क्या आगे और झटके आएंगे?
वर्तमान भूगर्भीय स्थिति को देखते हुए यह कह पाना मुश्किल है कि ये झटके वाकई परमाणु परीक्षण से जुड़े हैं या प्राकृतिक हैं। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि अगर यही सिलसिला चलता रहा, तो आने वाले दिनों में Pakistan earthquake today और Pakistan earthquakes जैसे शब्द और भी चर्चा में रहेंगे।
वैज्ञानिकों का मानना है कि टेक्टोनिक प्लेट्स की बढ़ती गतिविधि और जलवायु परिवर्तन का भी इन घटनाओं पर असर पड़ सकता है।
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