इंडिया टुडे के विशेष GDB (Gross Domestic Behaviour) सर्वे ने देश के नागरिक शिष्टाचार, सार्वजनिक सुरक्षा, स्त्री-पुरुष प्रवृत्तियां, विविधता और भेदभाव के आधार पर राज्यों की रैंकिंग तय की। इस अनोखे सर्वे में देश के 21 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 98 जिलों के नागरिकों से बातचीत कर उनके सामाजिक व्यवहार को मापा गया।
GDB: भारत के सामाजिक ताने-बाने की असली तस्वीर
भारत की GDP (Gross Domestic Product) पर खूब चर्चा होती है, लेकिन GDB यानी सकल घरेलू व्यवहार कैसा है? इंडिया टुडे ग्रुप और डेटा एनालिटिक्स फर्म ‘हाउ इंडिया लिव्ज’ ने मिलकर इस सवाल का जवाब खोजने के लिए 9188 लोगों से सर्वे किया। इस सर्वे में किसी की इनकम या संपत्ति नहीं, बल्कि नागरिक आचार-व्यवहार, हमदर्दी और सामाजिक समानता को परखा गया।
किन राज्यों का प्रदर्शन बेहतर रहा?
सर्वे में जिन राज्यों ने सबसे अच्छी रैंकिंग हासिल की, वे इस प्रकार हैं:
🥇 केरल – नागरिक व्यवहार में सबसे आगे
🥈 तमिलनाडु – दूसरे स्थान पर
🥉 पश्चिम बंगाल – तीसरे स्थान पर
🏅 महाराष्ट्र और ओडिशा – चौथे और पांचवें स्थान पर
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य:
🔴 उत्तर प्रदेश – 22वें (अंतिम) स्थान पर
🔴 पंजाब – 21वें स्थान पर
🔴 गुजरात – 20वें स्थान पर
चौंकाने वाले आंकड़े: समाज में कितनी समानता और कितनी बाधाएं?
✅ 61% लोग काम करवाने के लिए घूस देने को तैयार
✅ 69% लोग मानते हैं कि घरेलू मामलों में पुरुषों को अंतिम फैसला लेना चाहिए
✅ 52% लोग टैक्स से बचने के लिए कैश में लेन-देन को सही मानते हैं
✅ 61% लोग अंतर-धार्मिक विवाह के खिलाफ हैं
✅ 56% लोग अंतर-जातीय विवाह के खिलाफ हैं
क्या भारत का नागरिक व्यवहार बदल रहा है?
📌 85% लोग बस-ट्रेन में बिना टिकट यात्रा को गलत मानते हैं, फिर भी रेलवे में 2023-24 में 3.6 करोड़ बिना टिकट यात्राएं दर्ज की गईं।
📌 76% लोग अब डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता देते हैं, जिसमें दिल्ली सबसे आगे (96%) है।
📌 86% लोग सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षित महसूस करते हैं, लेकिन महिलाओं की आवाजाही अब भी सीमित है।
📌 60% लोग रोजगार में धार्मिक भेदभाव के खिलाफ हैं, लेकिन अंतर-धार्मिक विवाह को नकारते हैं।
चार प्रमुख पैमाने जिन पर भारत का मूल्यांकन किया गया
1️⃣ नागरिक शिष्टाचार 🏛️
➡️ सार्वजनिक नियमों के पालन और सामुदायिक गतिविधियों में भागीदारी का आकलन।
2️⃣ सार्वजनिक सुरक्षा 🚔
➡️ कानून-व्यवस्था पर भरोसा और व्यक्तिगत सुरक्षा की धारणा को मापना।
3️⃣ स्त्री-पुरुष प्रवृत्तियां 👩💼👨💼
➡️ महिलाओं की भूमिका, समानता और सामाजिक नजरिए का विश्लेषण।
4️⃣ विविधता और भेदभाव ✝️☪️🕉️
➡️ जाति, धर्म और क्षेत्रीयता से जुड़े पूर्वाग्रहों की जांच।
भ्रष्टाचार और सामाजिक जिम्मेदारी: भारत कहां खड़ा है?
डेनमार्क, फिनलैंड, सिंगापुर और न्यूजीलैंड दुनिया के सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश हैं, लेकिन भारत में 61% लोग रिश्वत देने को तैयार हैं।
हालांकि, डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन से लेन-देन में पारदर्शिता आई है, और लोगों का आर्थिक व्यवहार तेजी से बदल रहा है।
क्या भारत केवल आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है, या सामाजिक रूप से भी विकसित हो रहा है?
GDB सर्वे बताता है कि सुधार की भावना और ठोस इरादों में इजाफा हो रहा है, लेकिन सामाजिक बदलाव की रफ्तार अब भी धीमी है।
निष्कर्ष: GDB से क्या सीखने को मिलता है?
✅ आर्थिक विकास के साथ नागरिक चेतना और सामाजिक समानता जरूरी।
✅ राज्यों को नागरिक व्यवहार सुधारने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को अपनाना होगा।
✅ महिलाओं की समानता, सार्वजनिक सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर सख्त कानून जरूरी।
✅ डिजिटल बदलाव और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा देना होगा।
GDB सर्वे बताता है कि भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर है, लेकिन समाज में समानता और सामाजिक जिम्मेदारी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। अब सवाल यह है – क्या हम अपने व्यवहार में बदलाव लाकर सही मायनों में ‘विकसित भारत’ बना सकते हैं?
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