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44 साल में ऐसी भीड़ नहीं देखी थी, खुद 15 शव निकाले’ – नई दिल्ली स्टेशन पर कुली की दिल दहला देने वाली गवाही

भारत के पास है करोड़ों

हादसे के प्रत्यक्षदर्शी और वर्षों से स्टेशन पर काम कर रहे कुली सुगन लाल मीणा की गवाही दिल दहला देने वाली है. सुगन लाल मीणा पिछले 43 साल से रेलवे स्टेशन पर कुली का काम कर रहे हैं, और उनका कहना है कि इस तरह का भयंकर मंजर उन्होंने पहले कभी नहीं देखा.


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए भयंकर भगदड़ के हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं। मरने वालों में सबसे ज्यादा बिहार (9), दिल्ली (8) और एक हरियाणा का निवासी था। यह घटना रात करीब 10 बजे प्लेटफार्म 13 और 14 पर हुई, जब हजारों श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए स्टेशन पर एकत्रित हो रहे थे और ट्रेन में चढ़ने की होड़ में दुर्घटना का शिकार हो गए।

रेलवे स्टेशन पर कुली सुगन लाल मीणा से आजतक ने बातचीत की, जिसमें उन्होंने दिल दहला देने वाला बयान दिया। मीणा ने बताया, “मैंने अपने साथियों के साथ 15 लाशें निकालीं और उन्हें एम्बुलेंस में रखा।” वह 1981 से स्टेशन पर कुली का काम कर रहे हैं और उनका कहना है कि आज तक ऐसी भीड़ उन्होंने कभी नहीं देखी। “प्लेटफॉर्म बदलने के कारण भगदड़ मच गई, लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। लाशें देखकर मैं खाना भी नहीं खा सका।”

कुली ने क्या कहा?

“मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, लेकिन इससे पहले ऐसी भीड़ कभी नहीं देखी। प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन अचानक उसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया। जैसे ही प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रही भारी भीड़ और बाहर खड़ी भीड़ प्लेटफॉर्म 16 तक पहुंचने की कोशिश करने लगी, अफरा-तफरी मच गई। लोग एक-दूसरे से टकराने लगे और कई लोग एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिर पड़े।”

उन्होंने आगे बताया, “कई कुली वहां पहुंचे और भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की। हमसे जो बन पड़ा, हमने कम से कम 15 शवों को बाहर निकाला और उन्हें एंबुलेंस में रखा। पूरे प्लेटफॉर्म पर सिर्फ जूते और कपड़े बिखरे पड़े थे, जैसे कि किसी ने वहां अपनी जान छोड़ दी हो। हमने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को बुलाया, और कुछ ही समय में 3-4 एंबुलेंस वहां पहुंचीं, जिन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।”

प्लेटफॉर्म परिवर्तन से मची जबरदस्त भगदड़

मीणा के मुताबिक, रेलवे प्रशासन ने अचानक ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदल दिया, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। लोग एक ही समय में दूसरे प्लेटफॉर्म की ओर दौड़ने लगे, और इस बेकाबू भीड़ ने भगदड़ का रूप ले लिया। “लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे, कई नीचे गिर गए और दबकर मर गए,” उन्होंने बताया। इस दर्दनाक हादसे के बाद स्टेशन का पूरा मंजर ही बदल गया। सुगन लाल मीणा ने कहा, “इतनी लाशें देखकर मुझे खाना तक नहीं खाया गया। मन पूरी तरह विचलित हो गया।

भगदड़ मामले में एक और प्रत्यक्षदर्शी, रवि ने बताया कि यह घटना रात करीब 9:30 बजे हुई। प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर मौजूद लोग जब प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर ट्रेनें देखते हैं, तो वे जल्दी-जल्दी इन प्लेटफॉर्मों की ओर बढ़ने लगे। हालांकि ट्रेनों के प्लेटफॉर्म नहीं बदले गए थे, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उसे किसी भी हालत में नियंत्रित नहीं किया जा सका।

प्रत्यक्षदर्शी ने क्या कहा?

एक प्रत्यक्षदर्शी ने इस दिल दहला देने वाली घटना का बयान देते हुए कहा, “भीड़ पूरी तरह से बेकाबू थी। फुटओवर ब्रिज और प्लेटफॉर्म पर हजारों लोग जमा थे, और इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। त्योहारों के दौरान भी मैंने कभी रेलवे स्टेशन पर इतनी भारी भीड़ नहीं देखी थी। प्रशासन और एनडीआरएफ के लोग वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ हद से ज्यादा बढ़ गई, तो उसे नियंत्रित कर पाना असंभव हो गया। हजारों यात्री प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए ट्रेन पकड़ने आए थे। प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर जब भीड़ बेकाबू हो गई, तो धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी मच गई। कई लोग फुटओवर ब्रिज से गिर गए, जबकि कुछ ट्रेन के आगे आ गए। रेलवे प्रशासन और सुरक्षा बल हालात संभालने में नाकाम रहे। परिजनों का आरोप है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई, जिसके कारण कई जानें चली गईं।

अजीत नाम के शख्स ने कहा, “करीब 10-15 हजार लोगों की भीड़ थी। ट्रेन का अनाउंसमेंट गलत हुआ था, और प्लेटफॉर्म बदलने के बाद भीड़ इधर-उधर भागने लगी, जिससे 18 लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए और कई बेहोश हो गए। हादसे के बाद कुली भाइयों और वहां मौजूद लोगों ने मदद की। उन्होंने अपनी गोद में लोगों को उठाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इस दौरान प्रशासन का कोई खास असर नहीं था, केवल नाममात्र का ही प्रशासन वहां मौजूद था।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने घायलों से की मुलाकात, हालचाल लिया

हादसे के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एलएनजेपी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और दिल्ली के मुख्य सचिव तथा पुलिस कमिश्नर को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचने का आदेश दिया। इस दौरान दिल्ली सरकार की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।