हर साल 29 जून को भारत में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day) बड़े सम्मान और गर्व के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के महान गणितज्ञ और सांख्यिकीविद् प्रशांत चंद्र महालनोबिस (Prasanta Chandra Mahalanobis) को समर्पित है, जिन्होंने भारत में सांख्यिकी को एक दिशा और पहचान दी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस क्यों मनाते हैं?
National Statistics Day मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में सांख्यिकी (Statistics) की महत्ता को आमजन तक पहुंचाना है।
इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
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नीतियों के निर्माण में आंकड़ों की भूमिका को उजागर करना
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युवाओं को सांख्यिकी क्षेत्र में करियर के लिए प्रेरित करना
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देश की आर्थिक योजनाओं में डेटा एनालिसिस के महत्व को समझाना
इस दिन पूरे देश में शैक्षणिक संगोष्ठियाँ, डेटा एनालिटिक्स सेमिनार, और गवर्नेंस में सांख्यिकी के प्रयोग पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस तरह राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 2025 भी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
भारत में 29 जून को कौन सा दिवस मनाया जाता है?
भारत में हर साल 29 जून को National Statistics Day मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में चुना गया है।
उन्होंने भारत में:
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Indian Statistical Institute (ISI) की स्थापना की
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Mahalanobis Distance जैसी वैश्विक मान्यता प्राप्त सांख्यिकी विधि विकसित की
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भारत की पंचवर्षीय योजनाओं में सांख्यिकी का उपयोग कर नीति निर्माण में क्रांति लाई
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का उद्देश्य क्या है?
National Statistics Day का मुख्य उद्देश्य है:
✅ सांख्यिकी को जन-जन तक पहुंचाना
✅ नीति निर्माण में डेटा-संचालित निर्णयों को बढ़ावा देना
✅ युवाओं में डेटा साइंस और सांख्यिकी के प्रति रूचि बढ़ाना
✅ सरकार और संस्थाओं को सांख्यिकी आधारित योजनाओं के प्रति जागरूक बनाना
National Statistics Day 2025 के माध्यम से देश में सटीक और पारदर्शी डेटा संग्रहण की संस्कृति को मजबूती दी जाती है।
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भारतीय सांख्यिकी का जनक कौन है?
भारत में सांख्यिकी के क्षेत्र की नींव रखने वाले महान वैज्ञानिक थे प्रशांत चंद्र महालनोबिस (P.C. Mahalanobis)।
उनका जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ। उन्होंने दिखाया कि आंकड़े केवल संख्याएं नहीं, बल्कि नीति, योजना और विकास का मूल आधार हैं।
उनके प्रमुख योगदान:
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ISI (Indian Statistical Institute) की स्थापना (1931)
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राष्ट्रीय सैंपल सर्वे (NSSO) का प्रारंभ
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Mahalanobis Distance की खोज
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भारत की तीन पंचवर्षीय योजनाओं का रणनीतिक विकास
Indian Statistical Institute (ISI) की भूमिका
ISI की स्थापना 1931 में कोलकाता में एक छोटे से कमरे में की गई थी। आज यह संस्थान भारत ही नहीं, विश्व के अग्रणी सांख्यिकी संस्थानों में से एक है।
ISI के कार्य:
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सांख्यिकी, गणित, डेटा साइंस में शिक्षा एवं शोध
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नीति निर्माण में डेटा आधारित समर्थन
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वैश्विक स्तर पर भारत की सांख्यिकी पहचान मजबूत करना
Mahalanobis Distance क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
Mahalanobis Distance एक आधुनिक सांख्यिकी तकनीक है जिसे 1936 में P.C. Mahalanobis ने विकसित किया। यह तकनीक:
📌 किसी डेटा पॉइंट और मल्टीवेरिएट डिस्ट्रीब्यूशन के बीच दूरी को मापती है
📌 Outlier Detection, Machine Learning, और Clustering Algorithms में अत्यंत उपयोगी है
📌 आज की AI और Big Data Analytics इंडस्ट्री में अत्यधिक प्रयोग में लाई जाती है
सांख्यिकी और भारत की पंचवर्षीय योजनाएं
पंचवर्षीय योजनाएं भारत के विकास मॉडल का आधार रही हैं। P.C. Mahalanobis द्वारा बनाए गए मॉडल ने सरकार को संतुलित आर्थिक विकास की दिशा दी।
👉 दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-61) उनकी सबसे प्रमुख योजना रही, जो औद्योगिक विकास पर केंद्रित थी।
👉 उन्होंने डेटा-संचालित योजना प्रक्रिया को स्थापित किया, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र को बल मिला।
भारत में सांख्यिकी का इतिहास
भारत में आंकड़ों का उपयोग प्राचीन काल से होता रहा है। चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी जनसंख्या गणना, कर निर्धारण, और सामाजिक विश्लेषण के लिए आंकड़ों का उपयोग हुआ।
लेकिन आधुनिक सांख्यिकी प्रणाली को व्यवस्थित रूप देने का कार्य P.C. Mahalanobis ने किया। उनके प्रयासों से:
📌 सैंपल सर्वेक्षण का व्यापक प्रचार हुआ
📌 सरकार में सांख्यिकी विभागों का विकास हुआ
📌 सांख्यिकी एक स्वतंत्र और वैज्ञानिक विषय बना
सांख्यिकी में करियर कैसे बनाएं?
National Statistics Day 2025 का एक उद्देश्य यह भी है कि युवा पीढ़ी सांख्यिकी और डेटा साइंस को करियर विकल्प के रूप में अपनाएं।
आप निम्नलिखित कोर्स कर सकते हैं:
🎓 B.Sc/M.Sc in Statistics
🎓 B.Sc/M.Sc in Data Science
🎓 ISI, IITs, IISER, NISER जैसे संस्थानों में एडमिशन
📜 IBM, Google, Coursera से डेटा एनालिटिक्स सर्टिफिकेट कोर्स
यह क्षेत्र आज के दौर में बेहद डायनामिक और हाई डिमांड वाला करियर विकल्प है।
भारत सरकार द्वारा सम्मान और योगदान की मान्यता
भारत सरकार ने P.C. Mahalanobis को उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण (1968) से नवाज़ा।
🎖️ 1993 में उनकी जयंती पर डाक टिकट जारी हुआ
🎖️ 2006 में भारत सरकार ने उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस घोषित किया
निष्कर्ष (Conclusion)
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day) केवल आंकड़ों का जश्न नहीं है, यह ज्ञान, प्रबंधन और विकास की ताकत का प्रतीक है।
प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने हमें दिखाया कि अगर आंकड़ों का सही उपयोग किया जाए, तो वह देश की दिशा और दशा दोनों बदल सकते हैं।
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