नेटफ्लिक्स की नई क्राइम-थ्रिलर ‘डब्बा कार्टेल’, जिसमें शबाना आज़मी मुख्य भूमिका में हैं, 28 फरवरी को रिलीज़ हुई और अपनी दिलचस्प कहानी के साथ दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रही। इस सीरीज़ में अहम किरदार निभाने वाली अभिनेत्री अंजलि आनंद ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में बॉडी शेमिंग और पूर्वाग्रह को लेकर खुलकर अपनी राय रखी।
पुरुषों को कभी प्लस-साइज़ क्यों नहीं कहा जाता?
फीवर एफएम को दिए गए एक इंटरव्यू में अंजलि आनंद ने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में अब भी महिलाओं को उनके शरीर के आधार पर जज किया जाता है, जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कोई टैग नहीं लगाया जाता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा,
“जब गोविंदा और ऋतिक रोशन की बात आती है, तो कोई उनके शरीर के बारे में सवाल नहीं करता, हालांकि वे दोनों बिल्कुल अलग दिखते थे। लेकिन मुझे दोनों बहुत पसंद हैं, शायद मैं गोविंदा को ज़्यादा पसंद करती हूँ। लेकिन कोई भी उन्हें प्लस-साइज़ एक्टर नहीं कहता। कोई भी ऋषि कपूर को प्लस-साइज़ नहीं कहेगा, वे बस एक अभिनेता हैं। लेकिन जब बात महिलाओं की आती है, तो मुझे हमेशा अंजलि आनंद – एक प्लस-साइज़ अभिनेत्री कहा जाता है।”
बॉडी इमेज को लेकर इंडस्ट्री की मानसिकता पर तंज
अंजलि ने बॉलीवुड में वर्षों से चले आ रहे दोहरे मानदंडों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘चांदनी’ जैसी फिल्मों में अलग-अलग बॉडी टाइप वाले पुरुष कलाकार बिना किसी आलोचना के स्वीकार कर लिए गए, लेकिन जब विद्या बालन ने ‘द डर्टी पिक्चर’ जैसी फिल्म में काम किया, तो चर्चा उनके अभिनय से ज्यादा उनके शरीर के इर्द-गिर्द घूमती रही।
उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘प्लस-साइज़ प्रतिनिधित्व’ को बढ़ावा देने से बचती हैं, क्योंकि वह नहीं चाहतीं कि उन्हें सिर्फ उनके शरीर के कारण पहचाना जाए। उनके अनुसार, एक अभिनेता को उसकी काबिलियत और प्रतिभा के आधार पर देखा जाना चाहिए, न कि उसके शरीर के आकार से।
‘डब्बा कार्टेल’ – एक पावरफुल क्राइम-थ्रिलर
हितेश भाटिया द्वारा निर्देशित ‘डब्बा कार्टेल’ में अंजलि आनंद के अलावा शबाना आज़मी, ज्योतिका, शालिनी पांडे, गजराज राव और साईं ताम्हणकर भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसे विष्णु मेनन और भावना खेर ने लिखा है और यह एक्सेल एंटरटेनमेंट के तहत फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी द्वारा निर्मित है।
क्या आप भी मानते हैं कि इंडस्ट्री में बॉडी इमेज को लेकर दोहरे मानदंड हैं? अपनी राय ज़रूर बताएं! ?