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नवरोज़ 2025: नई उम्मीदों और परंपराओं के संग खुशियों भरा जश्न!

नवरोज़ 2025:

नई दिल्ली, 20 मार्च 2025: वसंत के आगमन और नए साल की शुरुआत का प्रतीक नवरोज़ दुनिया भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह त्योहार मुख्य रूप से ईरान, भारत, अफगानिस्तान, तुर्की, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।

क्या है नवरोज़?

नवरोज़ का अर्थ फारसी में “नया दिन” होता है। यह ईरानी और पारसी समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो प्रकृति के पुनर्जन्म और एक नई शुरुआत का प्रतीक है। नवरोज़ वसंत विषुव (Spring Equinox) के दिन पड़ता है, जब दिन और रात बराबर होते हैं। इसे पारसी और बहाई समुदायों के साथ-साथ कई अन्य संस्कृतियों में भी मनाया जाता है।

कैसे मनाया गया नवरोज़ 2025?

इस वर्ष, नवरोज़ के जश्न में पारंपरिक रीति-रिवाजों और आधुनिक उत्सवों का अनूठा संगम देखने को मिला। लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई की, नये कपड़े पहने और विशेष पकवान बनाए।

1. भारत में नवरोज़ का जश्न

भारत में पारसी समुदाय ने मुंबई, गुजरात और अन्य राज्यों में विशेष प्रार्थनाएं कीं और समाज में भाईचारे का संदेश दिया। पारंपरिक “हाफ़त-सीन” टेबल को सजाया गया, जिसमें सात शुभ वस्तुएं रखी जाती हैं, जो जीवन, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक हैं।

2. ईरान और मध्य एशिया में भव्य समारोह

ईरान में नवरोज़ 13 दिन तक मनाया जाता है, जिसमें परिवार और दोस्तों के साथ मिलने-जुलने, विशेष व्यंजन खाने और आग के ऊपर कूदने जैसी परंपराएं शामिल हैं। वहीं, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान में भी पारंपरिक खेलों और संगीत समारोहों के साथ त्योहार का आनंद लिया गया।

प्रधानमंत्री और वैश्विक नेताओं ने दी शुभकामनाएं

भारत के प्रधानमंत्री ने नवरोज़ पर शुभकामनाएं देते हुए कहा, “नवरोज़ हमें नई ऊर्जा, समृद्धि और भाईचारे का संदेश देता है। यह त्योहार हर किसी के जीवन में शांति और समृद्धि लेकर आए।” इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और कई अन्य वैश्विक नेताओं ने भी शुभकामनाएं दीं।

नवरोज़ का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

संयुक्त राष्ट्र ने 2010 में नवरोज़ को “अंतरराष्ट्रीय नवरोज़ दिवस” घोषित किया था। यह त्योहार न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह प्रकृति और मानवता के बीच गहरे संबंध को भी दर्शाता है।

उत्सव का समापन और आगे की उम्मीदें

नवरोज़ 2025 ने दुनिया को एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। इस त्योहार की भावना प्रेम, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देती है, जो इसे एक वैश्विक उत्सव बनाती है।

नया दिन, नई शुरुआत – नवरोज़ मुबारक!