केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजनाओं को मिली मंजूरी, कैबिनेट के 3 बड़े फैसले
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे को केंद्र सरकार की हरी झंडी
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से श्रद्धालुओं को सुरक्षित, तेज़ और सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी।
कैबिनेट ने पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति दी है:
- सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) रोपवे
- गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब (12.4 किमी) रोपवे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने इन परियोजनाओं को विकास, डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (DBFOT) मोड पर विकसित करने की मंजूरी दी है।
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे: यात्रा होगी आसान और तेज़
केदारनाथ धाम की यात्रा वर्तमान में गौरीकुंड से 16 किमी की कठिन चढ़ाई के माध्यम से होती है। श्रद्धालु इसे पैदल, टट्टू, पालकी या हेलीकॉप्टर से पूरा करते हैं। नया रोपवे बनने से यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर केवल 36 मिनट रह जाएगा।
- परियोजना की कुल लागत: ₹4,081.28 करोड़
- तकनीक: एडवांस्ड ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3S) तकनीक
- यात्री क्षमता: प्रति घंटे प्रति दिशा 1,800 यात्री
- दैनिक क्षमता: लगभग 18,000 यात्री
यह रोपवे पर्यावरण-अनुकूल होगा और पूरे साल श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे: ऊँचाई पर सुगम यात्रा
हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक पवित्र स्थल है। हर साल 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु इस गुरुद्वारे में दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन मौजूदा 21 किमी लंबी चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण होती है।
- परियोजना की कुल लागत: ₹2,730.13 करोड़
- यात्री क्षमता: प्रति घंटे प्रति दिशा 1,100 यात्री
- दैनिक क्षमता: लगभग 11,000 यात्री
यह रोपवे हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा और तीर्थयात्रियों के लिए एक सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करेगा।
पशु स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण के लिए बड़ा फैसला
कैबिनेट ने पशु स्वास्थ्य और बीमारियों की रोकथाम के लिए ₹3,880 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है, जिससे खुरपका-मुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का उन्मूलन किया जाएगा।
योजना के मुख्य बिंदु:
- टीकाकरण अभियान से सभी पशुओं को संपूर्ण सुरक्षा मिलेगी।
- मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स किसानों के घर तक पशु चिकित्सा सेवाएं पहुंचाएंगी।
- PM-किसान समृद्धि केंद्रों और सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों तक जेनरिक दवाएं पहुंचेंगी।
- एथनो-वेटरनरी मेडिसिन को बढ़ावा देकर पारंपरिक उपचार पद्धतियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सरकार के अनुसार, 9 राज्य जल्द ही FMD-मुक्त होने की कगार पर हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा।
निष्कर्ष
कैबिनेट के ये तीन बड़े फैसले तीर्थयात्रियों और किसानों दोनों के लिए लाभकारी साबित होंगे। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाएं यात्रा को सुगम बनाएंगी, जबकि पशु स्वास्थ्य योजना पशुपालकों की आय बढ़ाने में मदद करेगी। केंद्र सरकार के ये निर्णय आर्थिक विकास, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और पशु कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।