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हैदराबाद में ईडी की बड़ी कार्रवाई: अवैध ऑनलाइन फार्मेसी और ड्रग तस्करी केस में 8 करोड़ जब्त!

हैदराबाद की एक संस्था के खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत ये संपत्तियां जब्त की गई हैं। यह संस्था एक अवैध ऑनलाइन फार्मेसी संचालित कर रही थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि उसने हैदराबाद स्थित एक संस्था के खिलाफ ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत मध्य प्रदेश में जमीन और लगभग 8 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि कुर्क की है। यह संस्था अवैध ऑनलाइन फार्मेसी चला रही थी।

ईडी के अनुसार, हैदराबाद कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड, इसके प्रमोटर आशीष जैन और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया है।

ईडी की जांच मई 2022 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी।

एजेंसी के अनुसार, आरोपी आशीष जैन जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के परिसर से अवैध ऑनलाइन फार्मेसी संचालित कर रहा था। वह अल्प्राज़ोलम, ज़ोलपिडेम, लोराज़ेपम, क्लोनाज़ेपम, हाइड्रोकोडोन और ऑक्सीकोडोन जैसी मनोदैहिक दवाओं (psychoactive substances) को टैबलेट के रूप में अवैध रूप से निर्यात कर रहा था।

ईडी का दावा है कि आरोपी ने टेलीमार्केटिंग कॉल सेंटर सेवाओं और सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) सेवाओं की आड़ में यह अवैध कारोबार चलाया।

हालांकि, ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए आरोपी या उसके परिवार से तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका।

ईडी ने आरोप लगाया कि आशीष जैन ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए विदेशी ग्राहकों को अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल, डायजेपाम जैसी साइकोट्रोपिक दवाओं का अवैध निर्यात करने के लिए जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। ईडी के मुताबिक, इस गैरकानूनी कारोबार के जरिए उन्होंने “अपराध की आय” अर्जित की।

जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी के गठन से पहले ही जैन और उनके परिवार के सदस्यों ने बिना किसी वास्तविक कारोबार के अपने निजी बैंक खातों में 4.50 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त की थी। यह रकम विदेशों में अवैध रूप से दवाओं की बिक्री के बदले मिली थी।

ईडी के अनुसार, इस मामले में कुल पहचानी गई अपराध की आय 12.76 करोड़ रुपये है। जांच में पाया गया कि इस अवैध धनराशि का उपयोग आशीष जैन और उनके परिवार के सदस्यों ने सावधि जमा (Fixed Deposits) और अचल संपत्तियों की खरीद में किया।

एजेंसी के बयान के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्तियों में मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित 6.52 करोड़ रुपये मूल्य के भूखंड शामिल हैं। इसके अलावा, बैंक बैलेंस और सावधि जमा राशि के रूप में 1.46 करोड़ रुपये भी जब्त किए गए हैं।

इन सभी परिसंपत्तियों की कुल कीमत 7.98 करोड़ रुपये है।