Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi भारतीय अध्यात्म और संस्कृति की आत्मा मानी जाती है। यह सिर्फ 40 चौपाइयों का पाठ नहीं, बल्कि ऐसा दिव्य आध्यात्मिक विज्ञान है जो मन, शरीर और जीवन — तीनों को संतुलित करता है। भारत ही नहीं, दुनिया भर के करोड़ों भक्त हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़कर आश्चर्यजनक मानसिक शांति, बाधाओं से मुक्ति और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अनुभव करते हैं।
🕉 Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi (हनुमान चालीसा लिरिक्स)
॥ दोहा ॥
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
हनुमान चालीसा – 40 चौपाइयाँ
(शुद्ध एवं सही लिरिक्स नीचे उपलब्ध हैं)
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥
कंचन वरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुण्डलित केसा॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।
काँधे मूँज जनेउ साजे॥
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन॥
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे।
रामचंद्र के काज सँवारे॥
लाय सजीवन लखन जियाए।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रियत कहि सम भाई॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥
यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥
जुग सहस्र जोजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥
राम दुवारे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
सब सुख लहि तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना॥
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक ते काँपै॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥
नासै रोग हरे सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजू।
तिनके काज सकल तुम साजू॥
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्भ सुख करई॥
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥
जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥
॥ दोहा ॥
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
हनुमान चालीसा का अर्थ (Line-by-Line Meaning with Explanation)
नीचे हर चौपाई का गहरा आध्यात्मिक अर्थ दिया गया है। ये हिस्सा आपके ब्लॉग को “Hanuman Chalisa meaning in Hindi”, “Chaupai explanation” जैसे keywords पर भी Google में रैंक करने में मदद करेगा।
1. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
अर्थ: हनुमान जी ज्ञान, विवेक और गुणों का महासागर हैं।
व्याख्या: यह पंक्ति बताती है कि हनुमान जी सिर्फ बल के देवता नहीं, बल्कि उच्च ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक हैं।
2. जय कपीस तिहूँ लोक उजागर
अर्थ: तीनों लोकों में जिनकी कीर्ति है।
व्याख्या: हनुमान जी की प्रसिद्धि सिर्फ धरती तक सीमित नहीं, बल्कि स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल तक फैली है।
3. रामदूत अतुलित बलधामा
अर्थ: वे भगवान राम के दूत और अपार शक्ति के धनी हैं।
व्याख्या: हनुमान जी की शक्ति अनंत है—जिसे कोई माप नहीं सकता।
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हनुमान चालीसा का इतिहास
हनुमान चालीसा का लेखन महान कवि-संत गोस्वामी तुलसीदास ने किया था, जिनकी रचनाएँ आज भी भक्ति, ज्ञान और आध्यात्मिक चेतना का आधार मानी जाती हैं।
यह अमूल्य स्तुति 16वीं शताब्दी के उस दौर में लिखी गई, जब भारत मुग़ल शासन के कारण अस्थिरता, भय और सामाजिक संघर्षों से गुजर रहा था। ऐसे कठिन समय में लोगों के मन को स्थिरता और शक्ति देने के लिए हनुमान चालीसा अत्यंत प्रभावी मार्ग बनी।
मान्यताओं के अनुसार—
- कहा जाता है कि तुलसीदास जी को स्वयं हनुमान जी के दिव्य दर्शन हुए, और उन्हीं के आशीर्वाद व प्रेरणा से यह चालीसा रची गई।
- यह रचना सबसे पहले Awadhi भाषा में लिखी गई, ताकि साधारण से साधारण व्यक्ति भी इसे आसानी से समझ सके और इसका लाभ ले सके।
- चूँकि इसमें 40 चौपाइयाँ हैं, इसलिए इसे “चालीसा” नाम दिया गया।
हनुमान चालीसा का महत्व
आज हनुमान चालीसा हिंदू धर्म की सबसे लोकप्रिय और सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली स्तुतियों में से एक है।
यह न केवल भक्ति का मार्ग दिखाती है, बल्कि साहस, बुद्धि, शक्ति और समर्पण जैसा जीवन जीने की प्रेरणा भी देती है।
हनुमान चालीसा के चमत्कारी लाभ (Miraculous Benefits of Hanuman Chalisa)
हनुमान चालीसा सिर्फ एक स्तुति नहीं, बल्कि ऐसा दिव्य आध्यात्मिक माध्यम है जो मन, शरीर और जीवन तीनों पर अद्भुत सकारात्मक प्रभाव डालता है। नियमित पाठ करने वाले लोग कई प्रकार के चमत्कारिक परिवर्तन अनुभव करते हैं। आइए इसके प्रमुख लाभों को विस्तार से समझें:
1. नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से सुरक्षा
हनुमान जी को “भूत-प्रेत बाधा नाशक” माना गया है। चालीसा का नियमित पाठ घर और मन दोनों को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है। इससे वातावरण पवित्र, शांत और सकारात्मक बनता है। यदि जीवन में लगातार रुकावटें आ रही हों तो रोजाना हनुमान चालीसा पढ़ना अत्यंत लाभकारी है।
2. भय, तनाव और अवसाद से मुक्ति
आज की तेज़ जीवनशैली में मानसिक तनाव और डर आम समस्याएँ हैं। हनुमान चालीसा का धीमे और ध्यानपूर्वक पाठ
- मन को स्थिर करता है
- अवसाद और चिंता को कम करता है
- आत्मविश्वास बढ़ाता है
- नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है
इसका प्रभाव गहरी ध्यान अवस्था की तरह होता है।
3. स्वास्थ्य में सुधार और शरीर को संतुलित करना
विज्ञान मानता है कि मंत्रों की ध्वनि तरंगें शरीर की कोशिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
हनुमान चालीसा पढ़ने से—
- हृदय गति सामान्य होती है
- तनाव हार्मोन (Cortisol) कम होता है
- Immune System मजबूत होता है
- दिमाग में Alpha Waves बढ़ती हैं, जिससे शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है
यह मन-शरीर को प्राकृतिक रूप से heal करता है।
4. सफलता, करियर और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं
कठिन से कठिन काम भी हनुमान जी की कृपा से सरल हो जाता है।
हनुमान चालीसा:
- बाधाओं को दूर करती है
- निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाती है
- छात्रों और कामकाजी लोगों को मानसिक clarity देती है
- आत्मविश्वास और साहस बढ़ाती है
इसलिए इसे “सफलता का मंत्र” भी कहा जाता है।
5. शनि दोष और ग्रह बाधाओं में विशेष राहत
अगर किसी के जीवन में शनि की पीड़ा, साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव हो, तो हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है।
विशेष रूप से शनिवार को दीपक जलाकर पाठ करने से—
- शनि दोष शांत होता है
- कार्यों में रुकावटें कम होती हैं
- मानसिक और आर्थिक परेशानियाँ घटती हैं
शनि Dev स्वयं हनुमान जी के भक्त हैं, इसलिए उनकी कृपा हनुमान भक्ति से सहज प्राप्त होती है।
हनुमान चालीसा और विज्ञान (Scientific Significance)
मंत्रों के उच्चारण से शरीर में positive vibrations पैदा होती हैं जो:
- तनाव कम करती हैं
- दिमाग की Alpha Waves बढ़ाती हैं
- Blood Pressure को नियंत्रित करती हैं
- Nervous System को strengthen करती हैं
- Heartbeat को regular करती हैं
यह ध्यान और मेडिटेशन की तरह कार्य करती है।
हनुमान चालीसा कैसे पढ़ें? (Right Way to Chant Hanuman Chalisa)
सही समय (Auspicious Timings)
- सुबह 5 से 7 बजे: यह समय ब्रह्म मुहूर्त के बाद का माना जाता है, जब मन शांत होता है और ऊर्जा सबसे अधिक शुद्ध होती है।
- शाम 6 से 8 बजे: दिनभर की थकान और नकारात्मकता दूर करने के लिए यह समय बेहद शुभ माना जाता है।
- मंगलवार और शनिवार: हनुमान जी के विशेष दिन, इन दिनों पाठ का फल कई गुना बढ़ जाता है।
सही तरीका
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें
- आसन पर बैठकर दीपक जलाएं
- हनुमान जी की मूर्ति / फोटो के सामने बैठें
- मन शांत रखें
- कम से कम 1 बार, बेहतर है तो 7, 11 या 21 बार पाठ करें
हनुमान जी को क्या चढ़ाएँ? (What to Offer to Lord Hanuman)
हनुमान जी सरलता, भक्ति और सच्चे मन से प्रसन्न होने वाले देवता हैं। उन्हें ऐसी वस्तुएँ अर्पित की जाती हैं जो ऊर्जा, शक्ति और पवित्रता का प्रतीक होती हैं।
- लाल फूल – लाल रंग शक्ति व ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए हनुमान जी को लाल फूल अत्यंत प्रिय माने जाते हैं।
- सिंदूर – माना जाता है कि हनुमान जी ने श्रीराम के संरक्षण हेतु अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया था, इसलिए सिंदूर अर्पित करना अत्यंत शुभ है।
- घी – शुद्ध घी दीपक जलाने से माहौल पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- चमेली का तेल – मंगलवार व शनिवार को हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना विशेष फलदायी माना गया है।
- गुड़ और चना – यह प्रसाद बल, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है तथा यह हनुमान जी का प्रिय भोग माना जाता है।
- तुलसी पत्ता – तुलसी पवित्रता का प्रतीक है; इसे चढ़ाने से पूजा की ऊर्जा कई गुना बढ़ती है।
Conclusion (निष्कर्ष)
हनुमान चालीसा केवल एक भक्तिगीत नहीं, बल्कि ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।
मानसिक तनाव हो, भय, स्वास्थ्य समस्या, रिश्तों में उलझन या करियर में रुकावट—नियमित रूप से Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi का पाठ व्यक्ति की ऊर्जा, आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है।
यह एक ऐसा दिव्य साधन है जो शक्ति, साहस, भक्ति, सुरक्षा और शांति—सब कुछ एक साथ प्रदान करता है।
हर दिन कुछ मिनटों का पाठ जीवन को नई दिशा, नई रोशनी और नई उम्मीद देने में सक्षम है।
सच्ची श्रद्धा और नियमितता के साथ किया गया हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी जीवन को चमत्कारिक रूप से बदल सकता है।
FAQs – Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. हनुमान चालीसा रोज पढ़ने से क्या फायदे होते हैं?
रोज हनुमान चालीसा पढ़ने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। नकारात्मक विचार कम होते हैं और मन स्थिर रहता है। यह भय, तनाव, अवसाद और बाधाओं को दूर करता है। नियमित पाठ से घर का वातावरण भी पवित्र और ऊर्जा से भरपूर हो जाता है।
2. हनुमान चालीसा कब पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त और शाम को दीपक जलाकर पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है। मंगलवार और शनिवार को विशेष फल मिलता है। हालांकि इसे किसी भी समय पढ़ा जा सकता है, लेकिन शांति और ध्यान के साथ पढ़ने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
3. क्या महिलाएँ हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?
हाँ, महिलाएँ किसी भी समय हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं। धर्मग्रंथों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। महिलाएँ भी पुरुषों की तरह ही हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं। हनुमान जी सभी के रक्षक हैं और उनकी कृपा सभी को समान रूप से मिलती है।
4. हनुमान चालीसा कितनी बार पढ़नी चाहिए?
1 बार भी पढ़ना लाभदायक है, लेकिन यदि जीवन में समस्याएँ अधिक हों या मन अशांत हो, तो 7, 11, 21 या 108 बार पढ़ना अत्यंत फलदायी होता है। नियमित और ध्यानपूर्वक पढ़ने से मन, शरीर और जीवन में गहरा परिवर्तन आता है।
5. क्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि दोष कम होता है?
हाँ, हनुमान चालीसा शनि दोष और ग्रहों से जुड़ी बाधाओं को शांत करने का प्रभावी उपाय माना जाता है। शनिवार को दीपक जलाकर इसका पाठ करने से शनि की पीड़ा कम होती है, मानसिक तनाव घटता है और जीवन में रुकावटें दूर होती हैं।






