Buddha Purnima 2025 का पर्व न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में बौद्ध अनुयायियों और आध्यात्मिक साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण से जुड़ा हुआ है, जिससे इसका आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
Buddha Purnima 2025 कब है?
वर्ष 2025 में Buddha Purnima 12 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह तिथि वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ती है। पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 11 मई 2025 को रात 8:01 बजे से शुरू होकर 12 मई 2025 को रात 10:25 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर यह पर्व 12 मई को मनाया जाएगा।
इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की 2587वीं जयंती मनाई जाएगी, जो हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए अत्यंत पवित्र और शुभ अवसर माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा 2025 के शुभ योग और मुहूर्त
Buddha Purnima 2025 के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है जो इस दिन को और भी पवित्र बना देता है:
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रवि योग: सुबह 5:32 बजे से 6:17 बजे तक
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भद्रावास योग: सुबह 9:14 बजे तक
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वरियान योग: संपूर्ण दिन
इन योगों में पवित्र नदियों में स्नान, भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से अद्भुत फल की प्राप्ति होती है। यह समय पूजा, ध्यान, और दान-पुण्य के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है।
Buddha Purnima 2025 का आध्यात्मिक महत्व
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व केवल भगवान बुद्ध के जन्मदिन तक सीमित नहीं है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे तपस्या करते हुए भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस दिन उन्होंने संसार को जीवन, दुःख और मोक्ष का गूढ़ ज्ञान प्रदान किया था।
यह पर्व हमें आत्मशुद्धि, संयम, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन ध्यान, साधना और सेवा के माध्यम से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक जागरण प्राप्त किया जा सकता है।
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बौद्ध धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का स्थान
बौद्ध अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को त्रिविध पुण्य दिवस के रूप में मनाते हैं:
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जन्म – लुंबिनी में गौतम बुद्ध का जन्म।
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ज्ञान प्राप्ति – बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए ज्ञान प्राप्ति।
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महापरिनिर्वाण – कुशीनगर में शरीर का त्याग।
बौद्ध समुदाय के लोग इस दिन मंदिरों में दीप जलाते हैं, भगवान बुद्ध की मूर्ति का अभिषेक करते हैं और उनके उपदेशों का स्मरण करते हैं। कई स्थानों पर धम्मपद (बुद्ध के उपदेशों की पुस्तक) का पाठ किया जाता है और बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रवचन भी आयोजित किए जाते हैं।
हिंदू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नवां अवतार माना जाता है। इस दिन विष्णु भगवान के रूप में भी बुद्ध की पूजा की जाती है। कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं, दान-पुण्य करते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की कामना करते हैं।
Buddha Purnima 2025 कैसे मनाएं?
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स्नान और ध्यान: सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या घर में स्नान कर ध्यान करें।
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पूजन विधि: भगवान बुद्ध की मूर्ति को स्नान कराकर फूल, दीप, धूप, चंदन अर्पित करें।
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ध्यान और उपदेश: बुद्ध के जीवन से जुड़े प्रेरणादायक उपदेशों का अध्ययन करें।
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सेवा और दान: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दवाइयां दान करें।
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सकारात्मक संकल्प: इस दिन अहिंसा, सत्य, और करूणा जैसे मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।
विशेष आयोजन
भारत में कई स्थानों पर बुद्ध पूर्णिमा के दिन विशाल समारोह आयोजित किए जाते हैं। विशेषकर सांची, सारनाथ, बोधगया, लुंबिनी, कुशीनगर जैसे पवित्र स्थलों पर हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं।
निष्कर्ष
Buddha Purnima 2025 न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक आध्यात्मिक जागृति का अवसर भी है। यह दिन हमें भगवान बुद्ध के जीवन से प्रेरणा लेने, सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने तथा अपने जीवन को संयमित और शांतिपूर्ण बनाने की प्रेरणा देता है। यदि आप आत्मिक शांति, संतुलन और करुणा की तलाश में हैं, तो यह दिन आपके लिए सर्वोत्तम अवसर हो सकता है।
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