मिथुन संक्रांति क्यों मनाई जाती है?
भारत में संक्रांति पर्व का विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। मिथुन संक्रांति उन 12 संक्रांतियों में से एक है, जो सूर्य के राशि परिवर्तन के आधार पर तय होती हैं। Mithun Sankranti 2025 वह दिन है जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है। इस संक्रांति का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह ग्रीष्म ऋतु के अंत और वर्षा ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है।
हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान और जप-पाठ करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। mithun rashi sankranti पर सूर्यदेव को अर्घ्य देना और व्रत करना विशेष शुभ माना जाता है। साथ ही यह दिन कृषि की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मौसम परिवर्तन का समय होता है। इस प्रकार, मिथुन संक्रांति को धार्मिक, मौसम और ज्योतिषीय तीनों ही दृष्टिकोणों से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
Mithun Sankranti का अर्थ क्या है?
संक्रांति का शाब्दिक अर्थ होता है “स्थानांतरण” या “परिवर्तन”। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। मिथुन संक्रांति तब होती है जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है। mithun sankranti के दिन सूर्य का यह राशि परिवर्तन नए ऊर्जा चक्र की शुरुआत को दर्शाता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से, मिथुन राशि बुध ग्रह की राशि मानी जाती है और यह बुद्धिमत्ता, संवाद, व्यापार और यात्रा से जुड़ी होती है। इसलिए Mithun Sankranti 2025 का दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी हो सकता है जो नए कार्यों की शुरुआत करना चाहते हैं या व्यापार से जुड़े हैं। यह दिन नए विचारों और योजनाओं के लिए शुभ माना जाता है।
मिथुन संक्रांति कब है?
Mithun Sankranti 2025 में यह पर्व 15 जून 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य वृषभ राशि से निकलकर mithun rashi sankranti करता है। पंचांग के अनुसार, सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश दोपहर के समय होगा, लेकिन संक्रांति का पुण्य काल और महापुण्य काल सुबह से ही आरंभ हो जाता है।
- तिथि: रविवार, 15 जून 2025
- सूर्य प्रवेश (संक्रांति समय): दोपहर 12:42 PM (IST)
- पुण्य काल: सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक
- महापुण्य काल: सुबह 5:30 से 7:30 बजे तक
इस दिन शुभ मुहूर्त में दान, स्नान और पूजा करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। mithun sankranti पर तामसिक भोजन से परहेज करने की भी परंपरा है।
Read More:
मिथुन संक्रांति पर क्या दान करें?
Mithun Sankranti 2025 के दिन दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन किए गए दान का कई गुना फल मिलता है और यह पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। mithun sankranti पर निम्नलिखित वस्तुओं का दान अत्यंत शुभ माना गया है:
- गेहूं, चावल और तिल: यह तीनों अन्न संक्रांति के दिन दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
- वस्त्र: खासकर पीले रंग के वस्त्र ब्राह्मणों को दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
- जल युक्त कलश: जल से भरे कलश में चांदी या तांबे का सिक्का डालकर दान करना अत्यंत शुभ होता है।
- घी और गुड़: यह दोनों चीजें पाचन शक्ति बढ़ाती हैं और इनके दान से शरीर और आत्मा दोनों को शुद्धि मिलती है।
mithun rashi sankranti पर जरूरतमंदों को भोजन कराना, मंदिरों में दीप दान करना और गौ सेवा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इन सभी दान कार्यों से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भविष्य में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
मिथुन संक्रांति के दिन क्या करें और क्या न करें?
Mithun Sankranti 2025 के दिन कुछ विशेष कार्यों को करना अत्यंत शुभ माना जाता है, वहीं कुछ कार्यों से बचना चाहिए। इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल कई गुना अधिक होता है।
क्या करें:
- प्रातःकाल स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- व्रत रखें और हवन, पूजन का आयोजन करें।
- मंदिर जाकर दर्शन करें और भजन-कीर्तन करें।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन और जल का दान करें।
क्या न करें:
- क्रोध, झूठ और अपशब्दों से दूर रहें।
- मांसाहार और मद्यपान से परहेज करें।
- किसी का अपमान या तिरस्कार न करें।
- काले वस्त्र पहनने से बचें।
इस प्रकार mithun sankranti के दिन शुभ आचरण से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह दिन आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम माना जाता है।
निष्कर्ष
Mithun Sankranti 2025 न केवल एक ज्योतिषीय घटना है, बल्कि यह धार्मिक आस्था, प्रकृति के बदलाव और सामाजिक सेवा का प्रतीक भी है। mithun sankranti के दिन पुण्य कार्य, दान, व्रत और पूजन से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस दिन सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश नए ऊर्जा, नई शुरुआत और आंतरिक जागरूकता का संकेत देता है।
धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, mithun rashi sankranti के अवसर पर किए गए दान और तप से व्यक्ति अपने जीवन की कठिनाइयों को दूर कर सकता है और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है।
अतः आप भी इस Mithun Sankranti 2025 पर शुभ कर्म करके अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भर सकते हैं।
Read More: