भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 को भव्य समारोहों के साथ मनाने के लिए तैयार है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ (पहले जिसे राजपथ कहा जाता था) पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी। इस साल के गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत आएंगे।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस भारत के संविधान को अपनाने और देश के लोकतांत्रिक आदर्शों को पुष्ट करने का प्रतीक है। यह दिन भारतीय एकता, विविधता और समृद्ध इतिहास का जश्न मनाने का अवसर है। इस दिन का मुख्य आकर्षण नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली भव्य परेड है, जो भारतीय सेना की ताकत और संस्कृति की समृद्धि को प्रदर्शित करती है।
परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना की छह प्रमुख मार्चिंग टुकड़ियाँ शामिल होंगी: ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, महार रेजिमेंट, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, जम्मू और कश्मीर राइफल्स, और कोर ऑफ सिग्नल्स। इस ऐतिहासिक परेड के दौरान देश की प्रगति और उपलब्धियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
ध्वजारोहण का समय और परेड की शुरुआत
गणतंत्र दिवस परेड आमतौर पर सुबह 9 बजे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के आगमन के बाद शुरू होती है। हालांकि, इस महत्वपूर्ण दिन में अग्रिम पंक्ति की सीटें पाने के लिए लोग सुबह से ही कतारों में लग जाते हैं।
मुख्य अतिथि: राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस परेड में भारत के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह उनके भारत दौरे का अहम हिस्सा होगा। पिछले वर्षों में इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने शिरकत की है, जिनमें ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, पाकिस्तान के गवर्नर-जनरल और सोवियत संघ के गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे हैं।
गणतंत्र दिवस 2025 का यह आयोजन भारतीय लोकतंत्र की ताकत, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगा।