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World No Tobacco Day 2025: तंबाकू छोड़े बिना नहीं बचेगी जान, शिमला कैंसर अस्पताल के आंकड़े चौंकाएंगे

World No Tobacco Day 2025 हर साल 31 मई को मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू के घातक प्रभावों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इस जानलेवा आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित करना है। Tobacco Day 2025 के अवसर पर देशभर में कई जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य शिविर और जनजागरण रैलियां आयोजित की जा रही हैं, जिनका मकसद तंबाकू के कारण होने वाले कैंसर और अन्य बीमारियों के प्रति चेतना फैलाना है।

World No Tobacco Day 2025: क्यों मनाया जाता है तंबाकू निषेध दिवस?

Tobacco Day 2025 की थीम का मकसद न सिर्फ धूम्रपान करने वालों को सावधान करना है बल्कि युवाओं और बच्चों को इससे दूर रखना भी है। भारत जैसे देश में जहां तंबाकू उत्पाद सस्ते और आसानी से उपलब्ध हैं, वहां इसका खतरा और भी गंभीर हो जाता है।

इस दिन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों और अस्पतालों में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, पोस्टर्स, रैलियां और कैंपेन के जरिए जनता को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाता है। इस वर्ष का संदेश है – “आज ही तंबाकू छोड़ें, कल के लिए जीवन बचाएं।”

शिमला कैंसर अस्पताल: हर साल बढ़ते मरीज और चौंकाने वाली हकीकत

शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (IGMC) के कैंसर विंग में हर साल तंबाकू सेवन से जुड़ी बीमारियों के हजारों केस दर्ज किए जाते हैं। World No Tobacco Day 2025 पर अस्पताल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट चौंकाने वाली है – हर साल 1500 से 2000 नए कैंसर मरीज सामने आते हैं, जिनमें 70% से अधिक मामलों की जड़ तंबाकू है।

Tobacco Day 2025 के मौके पर डॉ. संजय धीमान (ऑन्कोलॉजिस्ट) ने कहा, “तंबाकू के कारण मुँह, गले, फेफड़ों और आंतों के कैंसर में लगातार इज़ाफा हो रहा है। अगर लोग अब भी नहीं जागे, तो आने वाले सालों में स्थिति और भयावह हो सकती है।”

शिमला के ठंडे मौसम में भी लोग बड़ी संख्या में धूम्रपान करते हैं। बीड़ी-सिगरेट से लेकर गुटखा, जर्दा और खैनी तक – सभी रूपों में तंबाकू जानलेवा साबित हो रहा है। यह आंकड़े न केवल हिमाचल प्रदेश के लिए चेतावनी हैं, बल्कि पूरे देश के लिए भी एक गम्भीर संकेत हैं।

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तंबाकू से होने वाली बीमारियाँ: जानें इसका शरीर पर क्या असर पड़ता है

World No Tobacco Day 2025

World No Tobacco Day 2025 पर यह जानना बेहद जरूरी है कि तंबाकू न सिर्फ कैंसर का कारण बनता है, बल्कि यह शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करता है। फेफड़ों के कैंसर के 90% केस सीधे तंबाकू से जुड़े होते हैं। इसके अलावा दिल की बीमारियाँ, स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर और फेफड़ों की कार्यक्षमता में गिरावट भी इसी से जुड़ी हैं।

सिर्फ धूम्रपान ही नहीं, चबाने वाले तंबाकू जैसे गुटखा और पान-मसाला भी मुँह और गले के कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। Tobacco Day 2025 की रिपोर्ट बताती है कि भारत में पुरुषों में सबसे अधिक मुँह का कैंसर तंबाकू से ही होता है।

तंबाकू के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। युवाओं में नपुंसकता, महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्याएं और गर्भवती महिलाओं में शिशु के विकास में रुकावट – ये सभी तंबाकू से जुड़े खतरनाक प्रभाव हैं।

युवाओं में तंबाकू की बढ़ती लत: भविष्य पर संकट

World No Tobacco Day 2025 पर एक और गंभीर विषय है – युवाओं में तंबाकू की बढ़ती लत। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 से 25 वर्ष के बीच के लगभग 30% युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है क्योंकि यह उम्र शिक्षा और करियर बनाने की होती है।

युवाओं में तंबाकू की शुरुआत अक्सर “मस्ती” या “दोस्ती की खातिर” होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह लत में बदल जाती है। स्कूल-कॉलेज के बाहर तंबाकू उत्पादों की आसान उपलब्धता और आकर्षक पैकेजिंग इस लत को और बढ़ावा देती है।

Tobacco Day 2025 के तहत सरकार और एनजीओ द्वारा कई अभियान चलाए जा रहे हैं जिनमें बच्चों और युवाओं को तंबाकू से दूर रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन इन अभियानों की सफलता तभी संभव है जब अभिभावक और शिक्षक भी जागरूक होकर बच्चों को सही मार्गदर्शन दें।

अगर अभी से युवा पीढ़ी को इस जहर से नहीं बचाया गया, तो आने वाला भविष्य बेहद भयावह हो सकता है।

सरकारी प्रयास और नियम: क्या वाकई असरदार हैं?

भारत सरकार ने तंबाकू नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। World No Tobacco Day 2025 के मौके पर सरकार ने फिर से दोहराया कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है, और तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी चिन्ह अनिवार्य हैं।

COTPA Act 2003 (Cigarettes and Other Tobacco Products Act) के तहत कई सख्त नियम लागू हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका पालन काफी कमजोर है। गांवों, कस्बों और यहां तक कि शहरी क्षेत्रों में भी नियमों का खुलेआम उल्लंघन होता है।

Tobacco Day 2025 पर विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू उत्पादों पर उच्च कर लगाना, बिक्री के समय आयु सत्यापन अनिवार्य करना और स्कूलों के पास तंबाकू बिक्री पर सख्ती से रोक जरूरी है।

अगर कानून को सही तरीके से लागू किया जाए और हर स्तर पर निगरानी रखी जाए, तो तंबाकू सेवन की दर में काफी गिरावट लाई जा सकती है।

तंबाकू छोड़ने वाले लोगों की कहानियां: प्रेरणा की मिसाल

World No Tobacco Day 2025 हमें यह भी सिखाता है कि तंबाकू छोड़ना असंभव नहीं है। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई सालों की लत के बाद इसे छोड़ा और अब स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।

शिमला के रहने वाले 45 वर्षीय मनोज वर्मा ने 20 साल तक सिगरेट पी, लेकिन जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ और खांसी की समस्या हुई, तो उन्होंने डॉक्टर की सलाह पर तंबाकू छोड़ दिया। मनोज बताते हैं, “शुरुआत में मुश्किल थी लेकिन अब खुद को हल्का और सकारात्मक महसूस करता हूं।”

Tobacco Day 2025 पर ऐसे अनुभव दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। सरकार और स्वास्थ्य संस्थान अगर ऐसे लोगों की कहानियों को मंच दें, तो इससे और लोगों को बदलाव की प्रेरणा मिलेगी।

कैसे छोड़ें तंबाकू: व्यावहारिक सुझाव और हेल्पलाइन

World No Tobacco Day 2025 पर यह जानना जरूरी है कि तंबाकू छोड़ना कठिन जरूर है लेकिन असंभव नहीं। इसके लिए सबसे पहले मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। इसके बाद आप नीचे दिए गए कदम अपना सकते हैं:

  • निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT): इसमें च्यूइंग गम, पैच या टैबलेट्स शामिल होते हैं जो निकोटीन की मात्रा धीरे-धीरे कम करते हैं।

  • काउंसलिंग और थैरेपी: मानसिक समर्थन भी तंबाकू छोड़ने में मदद करता है।

  • मोबाइल ऐप्स और हेल्पलाइन: भारत सरकार की ‘Quit Tobacco’ हेल्पलाइन और ऐप्स से जुड़ सकते हैं।

  • परिवार और दोस्तों का समर्थन: उनसे कहें कि वे आपकी मदद करें और तंबाकू के लिए उकसाए नहीं।

Tobacco Day 2025 के तहत कई संस्थाएं मुफ्त काउंसलिंग सेवा भी देती हैं। अगर सही दिशा और समर्थन मिले, तो हर व्यक्ति तंबाकू से आज़ादी पा सकता है।

निष्कर्ष: आज ही लें संकल्प, तंबाकू को कहें अलविदा

World No Tobacco Day 2025 केवल एक दिन का जागरूकता अभियान नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली बदलाव की शुरुआत हो सकती है। तंबाकू किसी भी रूप में शरीर के लिए जहर है – यह न सिर्फ आपके स्वास्थ्य को बर्बाद करता है बल्कि आपके परिवार को भी दुख पहुंचाता है।

Tobacco Day 2025 पर हम सभी को मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि अब से तंबाकू को ना कहेंगे और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करेंगे। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन लाखों लोगों को जो तंबाकू की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।

आज ही अपने जीवन को नया मोड़ दें – तंबाकू छोड़ें, जीवन अपनाएं।

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